Friday, January 21, 2011

" genuine call "


MAULANA GHULAM MOHAMMAD VASTANVI,  DARUL ULOOM,  DEOBAND  के नये VICE-CHANCELLOR  बने हैं और पदभार संभालते ही र्चचा मे आ गए हैं....... र्चचा के कई कारण हैं.....


DARUL ULOOM  के इतिहास मे यह पहले VICE-CHANCELLOR  हैं  जो MBA हैं.........
उन्होंने  हमेशा मदरसों में MODERN SCIENCE , ENGINEERING और MEDICINE की पढ़ाई पर जो़र दिया है......
DARUL ULOOM के इतिहास मे वह पहले गुजराती VICE-CHANCELLOR हैं.......
और सबसे प्रमुख कारण है गुजरात के COMMUNAL RIOTS पर उनका बयान......
MAULANA VASTANVI  के अनुसार   " गुजरात के COMMUNAL RIOTS मानवता  के खिलाफ़  थे....... दोषियों को सजा़ मिलनी चाहिये लेकिन आज के मुसलमान को वहां कोई समस्या नही है "

शायद वह कहना चाहते हैं कि "समय के साथ चलते हुए पिछली बातों को भुल कर मुसलमानों को अब आगे बढ़ना चाहिये......."

मैं समझता हूं कि उनका सोचना सही है और समय की मांग भी यही है कि मुसलमान अपना PRACTICAL और POSITIVE APPROACH दिखाऐं , इतिहास गवाह है कि बदले की प्रवृति ने हमें केवल बरबादी ही दी है........ और समाज मे बदला लेने की बजाये जो लोग आगे बढ़ गये वो आज ज्यादा अच्छी हालत में हैं ......

हमें यह नही भूलना चाहिये कि दोषियों को सजा़ देने से ज़रूरी है पीड़ितों के ज़ख्मों को सहलाना और उनकी मदद करना जिससे उन सभी लोगों को एक नई और अच्छी जि़न्दगी जीने का  मौका़ मिल सके.......





8 comments:

  1. दोषियों को सजा़ देना भी ज़रूरी है and पीड़ितों को मदद भी. No culprits should go unpunished. They should be brought to justice at any cost.

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  2. SO true the guilty need to be PUNISHED...

    as is with the sikh riots .. the problem why people cant move on is becasue the perpetrators are still having a laugh, the guilty still enjoying the way of likfe when they have taken so many ...

    JUSTICE is required to move on...

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  3. sahi hai zulmi ko sazaa dene ke (perhaps na denee Ke) peechey peedithon ki madad karna bhool jaatey hain

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  4. Very rightly said... The victim needs to be helped and alienated more than anything else...

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  5. No culprit should leave unpunished. But our judiciary system is very slow. So it will be better to move on...

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  6. सजा तो हर हाल में देनी ही होगी। हां बदले की भावना को दिल से निकाल कर आगे बढ़ना होगा। देश के लिए जरुरी भी है। कश्मीर हो या गुजरात दोषी सजा का हकदार होता है।

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  7. ye baat bilkul sahi hai ki waqt ke sath aisi baaton ko bhoolna chahiye jinhe yaad karke hamare andar gusse,nafrat or badle ka jazba panapt hai or waqt to bahut bada marham hota hai, hame ye nahi bhoolna chahiye ki islaam sukun or aman ki seekh deta hai jo beeti hui takleefdeh baaton ko yaad karne se naamumkin hai hamen bhi MAULANA VASTANVI ki tarah massenger of peace bankar mulk ki taraqqi me hath batana chahiye.

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  8. The provocative questions asked by the anchor were very unfair.

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